केंचुआ खाद का व्यापार कैसे शुरु करें जानें पूरी जानकारी | Vermicompost Business in Hindi

Vermicompost business in Hindi, इस लेख में हम केंचुआ खाद व्यापार की पूरी जानकारी देंगे साथ ही बताएंगे की केंचुआ खाद क्या है? केंचुआ खाद बनाने का तरीका क्या है? केंचुआ खाद के फायदे क्या हैं? पूरी जानकारी पाने के लिए कृपया पूरा लेख ध्यानपूर्वक पड़ें।

अगर आप कम पैसों में शुरू होने वाले बिजनेस के बारे में जानना चाहते हैं तो कृपया हमारी वेबसाइट पर सर्च करें आपको कई शानदार लेख मिल जाएंगे।

केंचुआ खाद क्या है?

केंचुआ खाद यानी वर्मी कंपोस्ट मिट्टी के लिए आवश्यक अनेकों पोषक तत्वों से भरपूर एक जैविक खाद है जिसका इस्तेमाल कृषि में किया जाता है। केंचुआ खाद को मिट्टी में पाए जाने वाले केंचुओं द्वारा तैयार किया जाता है। केंचुआ खाद बनाने के लिए केंचुओं को जैविक कचरा जैसे कि गोबर, फलों और सब्जियों के बचे हुए हिस्से, वृक्षों के पत्ते आदि दिए जाते हैं फिर केंचुआ उन सब को खा कर जो कुछ भी बाहर निकालता है उसी को केंचुआ खाद यानी वर्मी कंपोस्ट कहा जाता है।

असली केंचुआ खाद की पहचान यह है कि उसमें बदबू नहीं आती है और जहां पर केंचुआ खाद को रखा जाता है वहां पर किसी भी तरह के मक्खी मच्छर या फिर कीट पतंगे नहीं पनपते हैं। वर्मी कंपोस्ट से वातावरण को किसी भी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचता है यह एकदम प्राकृतिक रूप से तैयार किया गया खाद होता है।

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केंचुआ खाद के फायदे

  1. केंचुआ खाद का इस्तेमाल भूमि को उपजाऊ बनाता है तथा मिट्टी में हवा का संचार बढ़ाता है।
  2. भूमि को उपजाऊ बनाने के अलावा केंचुआ खाद मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है।
  3. जैसे जैसे आप केंचुआ खाद का इस्तेमाल कृषि भूमि में करते हैं धीरे धीरे मिट्टी के अंदर पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती जाती है।
  4. वर्मी कंपोस्ट (केंचुआ खाद) के इस्तेमाल से कृषि भूमि में खरपतवार भी कम होते हैं और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है
  5. वर्मी कंपोस्ट (केंचुआ खाद) का उपयोग करने से फसलों से कई गुना अधिक उत्पादन मिलता है और किसानों की आर्थिक उन्नति होती है।
  6. केंचुआ खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी में में हानिकारक कीट नहीं पनपते।
  7. वर्मी कंपोस्ट को गोबर या फसलों से बचे कचरे से तैयार किया जाता है इसलिए वर्मी कंपोस्ट पर्यावरण को प्रदूषण से भी बचाता है।
  8. अगर आपके खेत की मिट्टी की ओर को रखता रसायनों के अधिक इस्तेमाल से कम हो गई है तो वैसे आप केंचुआ खाद के इस्तेमाल से दोबारा से बढ़ा सकते हैं।
  9. केंचुआ खाद के इस्तेमाल से फसलों की गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाती है और फसलों में बीमारियां भी कम लगती हैं।
  10. केंचुआ खाद के उपयोग के बाद मिट्टी में खेतों की मात्रा बढ़ने लगती है और यह केंचुए नीचे की मिट्टी को ऊपर ले कर आते हैं और ऊपर की मिट्टी को नीचे ले जाते हैं इस तरह से मिट्टी की उर्वरता कई गुना बढ़ती है।

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केंचुआ खाद बनाने का तरीका।

केंचुआ खाद बनाने के लिए आपको जमीन पर बिछाने के लिए पॉलिथीन या फिर रेडीमेंट वर्मिबेड खरीदने होंगे। इनकी आवश्यकता आपको इसलिए होती है क्योंकि अगर जमीन पर बिना कुछ बिछाए केंचुआ छोड़ देते हैं तो केंचुआ धीरे धीरे जमीन के अंदर चला जाएगा और वहीं पर अंडे दे देगा।

बाजार में केंचुआ खाद बनाने के लिए रेजीमेंट बैग भी आते हैं जिनमे आप गोबर और केंचुआ डाल कर केंचुआ खाद बना सकते हैं इन बैगों की कीमत 2500 से लेकर 3000 रुपए तक होती है। अगर आप रेडीमेंट बैग खरीदने में असमर्थ हैं तो आप जमीन पर पन्नी (पॉलिथीन) बिछा कर भी केंचुआ खाद बनाने का काम शुरू कर सकते हैं।

अगर आप पॉलिथीन बिछा कर वर्मा बेड लगाना चाहते हैं तो ध्यान रहे प्रत्येक बर्मी बेड की चौड़ाई लगभग 3 फिट रखें और लंबाई आप अपनी सुविधा के अनुसार रख सकते हैं। गोबर और केंचुओं को मिलाकर बेड की ऊंचाई लगभग डेढ़ फीट से ढाई फीट रखें।

अगर आप रेडीमेंट बेड खरीद कर काम शुरू कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि उनकी ऊंचाई बहुत ज्यादा न हो अन्यथा बेड के अंदर गर्मी ज्यादा बनेगी जिससे केंचुओं के मरने की संभावना है।

केंचुआ खाद के वेड लगा देने के बाद आपको ये ध्यान रखना है की बेड में हमेशा उचित नमी बनी रहे इसके लिए आपको समय समय पर खाद हटा कर बेड को जांचते रहना है और आवश्यकता होने पर पानी का छिड़काव करना है।

जहां पर भी आप केंचुआ खाद के बेड लगा रहे हैं ध्यान रखें कि वह जगह छांव में हो और सीधे धूप के संपर्क में न हो। अगर आप खुले में केंचुआ खाद के बेड लगा रहे हैं तो ध्यान रहे की उनके ऊपर उचित मात्रा में धान की पराली जरूर डालें अन्यथा धूप के सीधे संपर्क में आने से केंचुए मार भी सकते हैं।

भारत में केंचुआ खाद बनाने के लिए अधिकतर गोबर का इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा आप गोबर के साथ सब्जी की फसलों से बचे हुए सब्जियों के बचे हुए पत्तों और बेकार सब्जियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

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केंचुआ खाद बनाने में आवश्यक सावधानियां

जिस कचरे, गोबर, या जैविक अवशेष से केंचुआ खाद को तैयार किया जाना है ध्यान रहे कि उसमें किसी भी तरह के कंकड़ पत्थर या फिर धातु या कांच के टुकड़े नहीं होना चाहिए अन्यथा उनसे केंचुओं को हानि पहुंच सकती है। अगर आप गोबर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि गोबर 20 दिन से 30 दिन पुराना हो और उसमें गर्मी या फिर हानिकारक गैस ना हो वरना सारे केंचुए मर सकते हैं।

अगर आप खेत से बचे हुए कचरे का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रहे की वह एकदम ताजा न होकर थोड़ा अधगला होना चाहिए और उसमें कुछ मात्रा में गोबर भी मिला हुआ होना चाहिए। जिस कचरे में भी आप केंचुओं को छोड़ें ध्यान रहे की वह कचरा मुलायम और अधसड़ा हो। जिस कचरे या गोबर में आपने केंचुओं को छोड़ा है उसपर समय समय पर आवश्यकता अनुसार पानी का छिड़काव करते रहें।

ध्यान रहे की केंचुओं को धूप बिलकुल भी पसंद नहीं होती इसलिए जहां पर भी आप केंचुआ खाद तैयार कर रहे हैं उस जगह को धूप से बचा कर रखें। खाद पूरी तरह से तैयार होने पर एकदम से सारा खाद न उठाएं बल्कि थोड़ा थोड़ा उठाएं और नीचे का लगभग 4 सेंटीमीटर खाद छोड़ दें क्योंकि उसमें केंचुए तथा उनके अंडे होते हैं।

बाजार में केंचुआ खाद की कीमत क्या होती है?

बाजार में केंचुआ खाद की कीमत 5 रुपए प्रति किलो से लेकर 10 रुपए प्रति किलो तक होती है, कई विक्रेता ऑनलाइन 20 रुपए प्रति किलो से लेकर 30 रुपए प्रति किलो तक में केंचुआ खाद को बेंचते हैं। पर कई ऐसे केंचुआ खाद उत्पादक हैं जिन्होंने शुरुआत में केंचुआ खाद को 2.5 रुपए से 3 रुपए प्रति किलो में बेचा और बाद में जब मांग बाद गई तब दाम थोड़े बड़ा दिए।

अगर आप एक ऐसे किसान हैं जिनके यहां गाय भैंस भी पाली जाती हैं तो आपकी उत्पादन लागत और भी कम आयेगी क्योंकि आपको गोबर खरीदना नहीं पड़ेगा। जब आपकी उत्पादन लागत कम होगी तो आप शुरुआत में उत्पाद को अगर कम दाम में भी बेंचते हैं तो भी आपको नुकसान नहीं होगा। अगर आप सबकुछ खरीदकर काम कर रहे हैं तो कृपया सोच समझकर दाम तय करें अन्यथा नुकसान भी हो सकता है।

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केंचुआ खाद की मार्केटिंग कैसे करें?

किसी भी बिजनेस में मार्केटिंग सबसे ज्यादा जरूरी और मुश्किल काम होता है मार्केटिंग करना इसलिए केंचुआ खाद बिजनेस को सफलतापूर्वक करने के लिए आपको इसकी मार्केटिंग पर बहुत ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी। किसी भी प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने से पहले आपको उस प्रोडक्ट के बारे में ठीक से पता होना चाहिए सभी जरूरी जानकारियां होनी चाहिए, यही बात केंचुआ खाद की मार्केटिंग पर भी लागू होती है।

केंचुआ खाद की मार्केटिंग करने के लिए आपको पौधों की नर्सरी बालों से बात करनी पड़ेगी और साथ ही किसानों को केंचुआ खाद के बारे में ठीक से समझाना होगा। पौधों की नर्सरी के बाद केंचुआ खाद के सबसे बड़े खरीददार होते हैं किसान पर नर्सरी बालों से ज्यादा आपको किसानों को जागरूक करना होगा क्योंकि किसानों को इसके बारे में काफी कम जानकारी होती है।

कई जगह पर तो किसान केंचुआ खाद के बारे में ठीक से जानते हैं और उन्हें इससे होने वाले फायदों के बारे में भी ठीक पता होता है पर अभी भी ज्यादातर किसान केंचुआ खाद के फायदों को नहीं जानते। सुरुआत में आपको कैसे भी कर के अपनी मार्केट बनानी है और किसानों को केंचुआ खाद से होने वाले सभी फायदों के बारे में ठीक से जानकारी देनी है बाद में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

अगर संभव हो तो शुरुआत में केंचुआ खाद का दाम कम रखें बाद में जब मांग बड़े तब आप थोड़ा दाम बड़ा भी सकते हैं। शुरुआत में आपको पैसे से ज्यादा मार्केट बनाने पर ध्यान देना चाहिए कोशिश ये करनी चाहिए की किसानों को रसायनिक खाद से ज्यादा सस्ता केंचुआ खाद लगे।

केंचुआ खाद बिजनेस में कितना मुनाफा है?

केंचुआ खाद के बिजनेस में आपको कितना मुनाफा (फायदा) हो सकता है इसके बारे में ठीक से बताना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि कौन कहां पर किन परिस्थितियों में बिजनेस कर रहा है ये हम बिना देखे नहीं समझ सकते। जो लोग केंचुआ खाद का बिजनेस कर रहे हैं उनके अनुसार आपको इसमें 30% से लेकर 70% तक बचत हो सकती है।

इस बिजनेस में कई खर्चे ऐसे होते हैं जो आपको केवल एक बार ही करने पड़ते हैं इसलिए शुरुआत में आपकी उत्पादन लागत थोड़ी ज्यादा आती है। जब आप कुछ समय इस बिजनेस को करते हैं तो केंचुआ खाद की उत्पादन लागत खुद ही कम हो जाती है और आपकी आमदनी कई गुना बढ़ जाती है।

जिन लोगों के यहां गोबर नहीं होता उनका केंचुआ खाद के बिजनेस में थोड़ा ज्यादा खर्चा होता है क्योंकि उन्हें गोबर प्रति किलो या ट्रोली के हिसाब से बाहर से खरीदना होता है। जिन लोगों के यहां गाय भैंस आदि पाली जाती हैं उनके यहां तो गोबर फ्री में ही उपलब्ध होता है इसलिए उनकी उत्पादन लागत कम आती है।

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