जानिए जीवामृत क्या है, बनाने की विधि और इसके फायदे क्या हैं | How to make jivamrit in Hindi

यदि आप जानना चाहते हैं कि जीवामृत कैसे बनाते हैं और जीवामृत बनाने का तरीका क्या है? तो पूरा लेख पढ़ें। इस लेख में हम आपको जीवामृत बनाने की विधि और फायदों के बारे में बताएंगे। जो किसान केमिकल रहित खेती कर रहे हैं उनके लिए जीवामृत बनाने की विधि सीखना बहुत आवश्यक है।

जीवामृत किसे कहते हैं?

जीवामृत एक तरह का प्राकृतिक तरल उर्वरक होता है, इसे पूर्णतया प्राकृतिक पदार्थों से बनाया जाता है। जीवामृत प्राकृतिक खाद होता है तथा इसका उपयोग कृषि में फसलों का उत्पादन बड़ाने तथा मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने हेतु किया जाता है। जो किसान केमिकल के बिना खेती करना चाहते हैं उनके लिए जीवामृत के बारे में जानना अति आवश्यक है।

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जीवामृत के फायदे क्या हैं?

आज के समय में किसान काफी बड़ी संख्या में जीवामृत का उपयोग कर रहे हैं और उन्हें जीवामृत से बहुत अधिक लाभ भी हो रहा है ऐसा इसलिए है क्योंकि जीवामृत बनाना बहुत सस्ता है और इसके फायदे भी बहुत हैं। जो किसान एक बार केमिकल युक्त खाद छोड़ कर जीवामृत अपनाते हैं वह फिर कभी केमिकल युक्त खाद का उपयोग नहीं करते भारत के बहुत सारे किसान ये बात कहते सोशल मीडिया पर नजर आते हैं।

फायदा 01: मिट्टी में सुधार होता है, केमिकल युक्त खाद का उपयोग करके धीरे धीरे खेत की मिट्टी खराब होने लगती है। जब किसान केमिकल छोड़ कर जीवामृत का उपयोग खेत में करते हैं तो मिट्टी की खोई हुई शक्ति वापस लौट आती है।

फायदा 02: पैदावार बढ़ती है, जीवामृत का असर खेती में एकदम तो नहीं दिखता पर जब एक बार खेत की मिट्टी में सुधार हो जाता है फिर पैदावार कई गुना तक बढ़ जाती है।

फायदा 03: फसल में बीमारी कम लगती है, फसल में बीमारी लगने का कारण कई बार मिट्टी भी होती है, जीवामृत के उपयोग से मिट्टी में काफी सुधार होता है इसलिए फसल में बीमारियां भी कम लगती हैं। जो किसान जीवामृत का उपयोग कर रहे हैं वह बताते हैं कि जीवामृत के उपयोग से खेतों में बीमारियां कम लगती हैं।

फायदा 04: केमिकल मुक्त आहार मिलता है, जैसा कि आप जान चुके हैं कि जीवामृत एक केमिकल मुक्त उर्वरक है, इसका उपयोग कर के जिन फसलों को उगाया जाता है वह एकदम केमिकल फ्री और स्वास्थ्य के बहुत अच्छी होती हैं।

जीवामृत बनाने की विधि

जीवामृत बनाने का तरीका एकदम आसान है इसे कोई भी आसानी से बना सकता है।

जीवामृत बनाने के लिए आवश्यक सामग्री की सूची

गाय का गोबर10 किलो
गऊ मूत्र10 लीटर
बरगद या पीपल के नीचे की मिट्टी1 से 5 मुट्ठी
गन्ने का गुड़2 किलो
पीसी हुई दाल (कोई भी)2 किलो

जीवामृत बनाने का तरीका Step by step

बताई गई सामग्री को आप अपनी आवश्यकता के अनुसार ले सकते है, थोड़ा बहुत कम ज्यादा हो जाए तब भी चिंता न करें। गुड़ और दाल आप एकदम खराब भी इस्तेमाल कर सकते हैं इसका कोई प्रभाव जीवामृत की गुणवत्ता पर नहीं पड़ेगा।

सबसे पहले गाय के गोबर को गऊ मूत्र में मिला दें उसके बाद गन्ने के गुड़ को पानी के साथ ठीक से मिला लें ध्यान रहे उसमें गांठें न रहें। गुड़ की गांठे जब गल जाएं तब इसे गोबर व गऊ मूत्र के घोल में मिला दें।

अब इस घोल में 200 लीटर पानी डाल दें। पानी डालने के बाद इस घोल में पीसी हुई दाल (बेसन) धीरे धीरे डाल कर मिला दें, ध्यान रखें कि इसमें गांठें न रह जाएं। बेसन को आप चाहें तो अलग से पानी में भी घोल सकते हैं और बाद में सभी सामग्री के साथ मिला सकते हैं।

इस पूरे घोल को अच्छे से किसी डंडे की सहायता से मिक्स कर लें और 5 से 7 दिनों के लिए छोड़ दें, 5 से 7 दिन बाद जीवामृत बन कर तैयार हो जाएगा। एक और बात बहुत आवश्यक है, इस घोल को हर दिन डंडे की सहायता से मिक्स कर दिया करें ताकि ये पात्र के नीचे जम कर बैठ न जाए।

जीवामृत का उपयोग करने का तरीका Step by step

ऊपर बताई गई सामग्री से 200 लीटर जीवामृत बन कर तैयार होगा, आप इस 200 लीटर जीवामृत का उपयोग 1 एकड़ के लिए कर सकते हैं। इसी प्रकार आपके पास जितनी भी कृषि की जमीन है उसके अनुसार आप जीवामृत को बना सकते हैं।

जीवामृत बन जाने के बाद आप इसे ठीक से छान लें उसके बाद इसका उपयोग कर सकते हैं। ध्यान रहे फसल में जीवामृत का छिड़काव तभी करें जब खेत में पानी लगाया हो, सूखे खेत में इसका उपयोग कभी न करें।